रावण की मृत्‍यु के बाद पटरानी मंदोदरी का क्‍या हुआ, कहां गईं बाकी पत्नियां- Dussehra 2023:

 



लंकाधिपति, राक्षसराज, दशानन जैसे कई नामों से प्रसिद्ध रावण बहुत ही विद्वान था. लेकिन, वह जितना प्रकांड पंडित था, उतना ही अहंकारी भी था. उसे अपनी शक्ति, भगवान शंकर की भक्ति और सोने की लंका पर बहुत घमंड था. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को श्रीराम ने रावण का वध कर अपनी पत्नी सीता को छुड़ाया था. तब से दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. दशहरा पर देशभर में रावण, उसके भाई कुंभकरण और बेटे मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है. आज दशहरा है और इसे पूरे जोश के साथ मना रहे हैं. लेकिन, क्‍या आप जानते हैं कि रावण की मंदोदरी के अलावा कितनी पत्नियां और थीं? रावण वध के बाद मंदोदरी का क्‍या हुआ?

रावण के पूरे परिवार में सिर्फ दो लोग सीता के अपहरण और राम से युद्ध के खिलाफ थे. उनमें एक भाई विभीषण औऱ दूसरी पत्‍नी मंदोदरी थीं. दोनों रावण को लगातार समझाते रहे कि सीता को सम्मानपूर्वक राम को लौटा दो और युद्ध को टाल दो, लेकिन लंकाधिपति नहीं माने. फिर युद्ध हुआ और राम ने रावण का वध कर दिया. वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि जब रावण की युद्ध में मृत्यु होती है तो मंदोदरी कहती हैं, ‘अनेक यज्ञों का विलोप करने वाले, धर्म को तोड़ने वाले, देव-असुर व मनुष्यों की कन्याओं का हरण करने वाले आज तू अपने पाप कर्मों के कारण ही मृत्‍यु को प्राप्त हुआ है.’ रावण के वध के बाद राम ने लंका का राजपाट रावण के छोटे भाई विभीषण को सौंप दिया.

रावण की मंदोदरी समेत कितनी पत्नियां थीं?
लंकाधिपति रावण की पत्‍नी मंदोदरी को पतिव्रता धर्म का पालन करने के लिए देवी अहिल्‍या के बराबर माना जाता है. फिर भी मंदोदरी के अलावा रावण की दो पत्नियां थीं. दूसरे शब्‍दों में कहें तो उनकी कुल तीन पत्नियां थीं. रावण की पहली पत्नी और पटरानी का नाम मंदोदरी था. मंदोदरी राक्षसराज मयासुर की बेटी थीं. रावण की दूसरी पत्नी का नाम धन्यमालिनी था. तीसरी पत्नी के बारे में कहा जाता है कि रावण ने उसकी हत्या कर दी थी. इंद्रजीत, मेघनाद, महोदर, प्रहस्त, विरुपाक्ष भीकम वीर मंदोदरी के पुत्र थे. धन्यमालिनी से अतिक्या और त्रिशिरार दो बेटों ने जन्म लिया था. तीसरी पत्नी के प्रहस्था, नरांतका और देवताका नाम के बेटे थे.

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